A2Z सभी खबर सभी जिले कीCOVID-19FinanceInsuranceLok Sabha Chunav 2024Uncategorizedअन्य खबरेउत्तर प्रदेशफर्रुखाबाद

यूपी के शेखपुर में लगने वाला है 700वां उर्स मेला, पाकिस्तान और अरब देशों के पहुंचते हैं लोग, करोड़ों रुपए में होती है लड्डूओं की बिक्री*

*फर्रुखाबाद* : उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जनपद में एक गांव शेखपुरा है. इस गांव में हजरत शेख मखदूम शाह लंगरजहां रहमतुल्लाह अलैह का 700वां उर्स -ए-मखदूम और मेला शुरू हो गया है. इस मेले में पाकिस्तान से लेकर अरब देशों से लोग पहुंचते हैं. यहां दूरदराज से आए लोग दरगाह पर मुरादें मांगते हैं. जहां का खास तवर्रूक सेव का लड्डू हैं, जिन्हें शेखपुरा के लड्डूओं के नाम से जाना जाता है. इस मेले में सेव के बने लड्डू को देश के साथ ही विदेशों में भी पसंद किया जाता है. यहां पर मुगल बादशाह फिरोजशाह तुगलक द्वारा निर्मित एक पुरानी मस्जिद भी है.

हज़रत शेख मख़दूम शाह

*महफिलें समां का होता है आयोजन*

वहीं, सज्जादानशीन अजीजुल हक गालिब मियां ने बताया कि कमालगंज क्षेत्र के गांव शेखपुरा में हर साल की तरह इस बार भी हजरत शेख मखदूम बुर्राक लंगर जहां रहमतुल्लाह का वार्षिक 700वां उर्स और मेला 2 जनवरी से शुरू होगा.जो 2 दिनों तक चलेगा. इसी को लेकर अभी से दूर-दराज से लाखों लोगों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. वहीं, भोजपुर चिल्लागाह पर महफिलें समां का आयोजन हुआ.

*अरब देशों से भी पहुंचते हैं लोग*

इस दौरान कलाम पेश किए गए. साथ ही भोजपुर से शेखपुर तक जाने वाले डोले को लेकर छड़ीबाज भी शामिल होने के लिए पहुंचने लगे. इस दौरान फर्रुखाबाद के सभी मार्गों पर वाहनों द्वारा यहां पर लोगों के पहुंचने का सिलसिला जारी चुका है. यहां पर दरगाह में विशेष चादरपेशी होती है. इसमें पाकिस्तान से लेकर अरब देशों से लोग पहुंचते हैं.

*गंगा जमुनी तहजीब का लगता है संगम*

ऐसा माना जाता है कि शेख मखदूम का जन्म 557 हिजरी सन 1181 को बगदाद में हुआ था. वहीं, मोहम्मद इबने बदर को मखदूम बुर्राक लंगरजहां से नाम से जाना जाता है. वह सन 1260 को मुल्क सिस्तान की हुकूमत को छोड़कर दरगाह मुखदुमिया शेखपुर गांव में आए थे. इस दरगाह के अंदर उनकी मजार भी मौजूद है, जिस पर चादरपेशी की जाती है. दरगाह शेखपुर कौमी एकता गंगा जमुनी तहजीब का संगम है. यहां सर्व धर्म समभाव और संप्रदायिक सद्भाव की अनोखी मिसाल है.

*मुगल शासको ने भी लगाई थी हाजिरी*

यहां पर सन 936 में जलालुद्दीन अकबर और 1095 हिजरी में औरंगजेब हाजिरी लगा चुके हैं. इसके बाद 1195 को नबाब बहादुर मुजफ्फर जंग ने इस गांव में आकर कई निर्माण कार्य कराए थे. तब से लेकर आज तक मेला और उर्स का आयोजन होता है. शेखपुरा गांव में दरगाह के अंदर अकबरी दरवाजा है, जिसे मुगल बादशाह अकबर ने बनवाया था. वहीं, इसकी चार दिवारी को औरंगजेब ने तैयार कराया था. साथ ही यहां की मस्जिद जो फिरोज साहब तुगलक ने बनवाई थी. वहीं, शेखपुरा दरगाह में अकबरी दरवाजा को मुगल बादशाह अकबर द्वारा लगवाया गया था.

*जानें यहां के सेव लड्डू की खासियत*

बेसन और चावल से यह अनोखा लड्डू तैयार किया जाता है, जिसमें विभिन्न प्रकार की मेवों का भी इस्तेमाल किया जाता है. मेवों से तैयार होने वाले इस लड्डू की कुल मिलाकर करोड़ों रुपए की बिक्री होती है. फर्रुखाबाद में तैयार होने वाले यह लड्डू प्रदेश के साथ ही देश और विदेशों तक ऑर्डर द्वारा मंगाया जाता है. यहां पर लाखों लोग आकर लड्डू अपने साथ लेकर जाते हैं. ऐसे में इस मेले का यह लड्डू दूर-दूर तक फेमस हो चुका है.

Vande Bharat Live Tv News

mohd Mohsin

Jurnalist,आगरा (उत्तर प्रदेश)
Back to top button
error: Content is protected !!